कविता
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पक्षियो का भी
सँसार है |जो लगे रहते
हर समयअपने
कार्य मे |पर वे
क्रृर व्यक्ति!
जो उन्हेँ कफन
पहना हैँ देते!
उन क्रर राक्षसो
की तूलना !और
किसी से कर न
सकते!और उनकी
हत्या करके पाते
वे कुछ और नही|
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